भगवान कृष्ण को श्राप से बचाने के लिए सुदामा को झेलनी पड़ी थी गरीबी, जानिए ये रहस्यमयी घटना

एक गरीब महिला भीख मांग कर अपना जीवन यापन कर रही थी। वह भगवान विष्णु की बहुत बड़ी भक्त थी एक बार उन्हें 5 दिनों तक खाने के लिए कुछ नहीं मिला। छठवें दिन उसे कहीं से कुछ चना खाने को मिला, सुबह के लिए अपने पास रख लिया और सोचा कि सुबह उसे भगवान को अर्पित कर प्राप्त कर लूंगा। लेकिन रात में चोर उसके घर आए और क़ीमती सामान समझकर पोटली को ले गए।
उसके बाद चोर सांदीपनि के आश्रम में पहुंचा, लेकिन जैसे ही उसने ऋषि की पत्नी के आने की आवाज सुनी, वह घबरा गया और पोटली छोड़कर चला गया। अगली सुबह वह पोटली कृष्ण और सुदामा को मिली, जबकि सुबह गरीब महिला को उसके चना नहीं मिले। तो उसे एहसास हुआ कि किसी ने उसे चुरा लिया है।
वह स्त्री रो पड़ी और दुखी मन से श्राप दिया कि जो कोई उस चना को खायेगा वह भी उसकी तरह गरीब हो जाएगा।सुदामा एक बहुत ही बुद्धिमान ब्राह्मण थे और कृष्ण उनके सबसे अच्छे दोस्त भी थे।
उसके हाथ में जैसे ही पोटली आई, उसने बेचारी स्त्री के श्राप को महसूस किया, इसलिए अधिक भूख का बहाना दिखाते हुए, उसने कृष्ण के हिस्से के चने भी ले लिए। ताकि कृष्ण को स्त्री का श्राप न लगे, सुदामा ने सबसे अच्छे दोस्त होने के अपने कर्तव्य को पूरा किया।