रूसी राष्ट्रपति पुतिन का नया प्लान, सालभर में 137,000 आर्मी जवान भर्ती करने का आदेश

रूसी राष्ट्रपति पुतिन का नया प्लान, सालभर में 137,000 आर्मी जवान भर्ती करने का आदेश

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश के बाद सैन्य कर्मियों की 2023 में कुल संख्या बढ़कर 2,039,758 हो जाएगी. इसमें 1,150,628 सशस्त्र बल के जवान शामिल हैं. इससे पहले 2018 की शुरुआत में देखें तो रूसी सेना की कुल संख्या 1,902,758 थी और सशस्त्र बलों की संख्या 1,013,628 रखी थी.

यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई के बीच गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने रूसी सेना को सालभर में 137,000 सशस्त्र बलों की भर्ती करने का आदेश दिया है. पुतिन ने अफसरों को 2023 तक रूसी सेना की संख्या कुल 1.15 मिलियन (11.5 लाख) करने का टारगेट दिया है.

न्यूज एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन का ये फरमान 1 जनवरी से प्रभावी हो जाएगा. हालांकि, आदेश में यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सेना बड़ी संख्या में सैनिकों की अनिवार्य भर्ती करेगी या स्वैच्छिक सेवा देने वाले सैनिकों की संख्या बढ़ाई जाएगी अथवा दोनों के संयोजन से सैन्य बलों को मजबूत किया जाएगा.

बताते चलें कि राष्ट्रपति पुतिन के आदेश से रूसी सैन्य कर्मियों की 2023 में कुल संख्या बढ़कर 2,039,758 हो जाएगी. इसमें 1,150,628 सशस्त्र बल के जवान शामिल हैं. इससे पहले 2018 की शुरुआत में देखें तो रूसी सेना की कुल संख्या 1,902,758 थी और सशस्त्र बलों की संख्या 1,013,628 रखी थी.

यूक्रेन युद्ध में वॉलिंटियर कॉन्ट्रेक्ट सोल्जर हिस्सा ले रहे

क्रेमलिन ने कहा है कि यूक्रेन में ‘विशेष सैन्य अभियान’ में सिर्फ वॉलिंटियर क्रॉन्ट्रेक्ट सोल्जर (स्वैच्छिक अनुबंधित जवान) हिस्सा ले रहे हैं. उसने इस दावे को खारिज किया कि वह व्यापक तौर पर सैनिक भेजने की तैयारी कर रहा है. रूस की स्थानीय मीडिया और गैर-सरकारी संगठनों का कहना है कि यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई में ज्यादा से ज्यादा वॉलिंटियर्स को भेजने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए निजी सैन्य ठेकेदारों को शामिल किया जा रहा है. यहां तक ​​​​कि सैन्य कर्तव्य निभाने के लिए कुछ कैदियों की माफी की पेशकश भी की गई है.

युवा वर्ग को सेना में एक साल सेवा देना जरूरी

क्षेत्रीय अधिकारी भी यूक्रेन युद्ध में आर्मी की संख्या बढ़ाने के प्रयास में लगे हैं. इसके लिए वॉलिंटियर बटालियनों का गठन किया गया है. नए ड्राफ्ट में रूस में 18-27 आयु वर्ग के सभी पुरुषों को सेना में एक साल सेवा करना जरूरी कर दिया गया है. हालांकि, एक बड़े वर्ग को छूट भी मिली है. इसमें स्वास्थ्य कारण और विश्वविद्यालय के छात्र शामिल हैं. नियमों से राहत मिलने वाले लोगों में विशेष रूप से मास्को और अन्य प्रमुख शहरों में रहने वाले नागरिक हैं.

सेना के आधुनिकीकरण में लगे हैं अफसर

बता दें कि रूसी सेना साल में दो बार 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को ड्राफ्ट तैयार करती है. हाल के वर्षों में क्रेमलिन ने वॉलिंटियर्स कॉन्ट्रेक्ट जवानों की हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर दिया है. रूस अपनी सेना के आधुनिकीकरण और इसकी तैयारी में सुधार करने में लगा है. 24 फरवरी को यूक्रेन में सैनिकों को भेजने से पहले रूसी सेना के पास 400,000 से ज्यादा कॉन्ट्रेक्ट जवान थे, इनमें लगभग 147,000 ग्राउंड फोर्स शामिल थी. रूस में सैनिकों की संख्या करीब 270,000 अनुमानित की गई है.

सेना में संख्या बल बढ़ाने का दबाव

सैन्य पर्यवेक्षकों का कहना है कि यदि यूक्रेन में अभियान जारी रहता है तो स्पष्ट रूप से संख्या में कमी आ सकती है. उसने 1 मिलियन मजबूत सेना बनाने का लक्ष्य घोषित किया है. कर्नल सेवानिवृत्त विक्टर मुराखोव्स्की ने कहा कि गुरुवार को पुतिन के नए आदेश में खास संदेश छिपा है. इसमें यूक्रेन युद्ध के बीच संख्याबल बढ़ाने का दबाव शामिल है. रिटायर्ड कर्नल विक्टर RBC ऑनलाइन समाचार आउटलेट से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि क्रेमलिन संभवतः वॉलिंटियर्स पर निर्भर रहने की कोशिश करेगा. Live TV

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *