गुलाम नबी आजाद से क्यों हिमंता बिस्वा सरमा ने की अपनी तुलना, अपनी भविष्यवाणी भी दिलाई याद

गुलाम नबी आजाद से क्यों हिमंता बिस्वा सरमा ने की अपनी तुलना, अपनी भविष्यवाणी भी दिलाई याद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफे दे दिया। बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस पार्टी के लिए गुलाम नबी का इस्तीफा करारा झटका माना जा रहा है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुलाम नबी आजाद की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए इस्तीफे की तुलना अपने त्याग पत्र से की है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि गुलाम नबी आजाद की ओर से भेजे गए इस्तीफे में लिखी बातों में कई समानताएं हैं जो उन्होंने 2015 में पार्टी छोड़ने के समय लिखी थी। सरमा ने आगे कहा कि कांग्रेस में समस्या यह है कि हर कोई जानता है कि राहुल गांधी अपरिपक्व और अप्रत्याशित हैं, लेकिन उनकी मां अभी भी उन्हें बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है।

सरमा ने दावा किया, ‘कांग्रेस अध्यक्ष पार्टी की देखभाल नहीं कर रही हैं। वह मूल रूप से इन सभी सालों में अपने बेटे को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहीं थीं, लेकिन यह एक व्यर्थ प्रयास है। उनका मिशन सफल नहीं होगा। जो लोग पार्टी के प्रति वफादार थे, वे एक-एक करके इसे छोड़ रहे हैं। मैंने 2015 में लिखा था कि एक समय आएगा जब कांग्रेस में केवल गांधी ही रहेंगे और बाकी सभी चले जाएंगे। यही हो रहा है।’

आजाद के रूप में कांग्रेस को और तगड़ा झटका

कांग्रेस सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पहले से ही संकटों का सामना कर रही कांग्रेस पार्टी को गुलाम नबी के इस्तीफे के रूप में एक और तगड़ा झटका लगा है। अपने इस्तीफे में आजाद ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति अब वापस न आने के प्वाइंट पर पहुंच गई है और अब पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए प्रॉक्सी का सहारा लिया जा रहा है।

बीजेपी के लिए वरदान हैं राहुल गांधी

सरमा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, मेरे द्वारा 2015 में लिखे गए पत्र में आजाद साहब की ओर से लिखे गए पत्र के साथ कई समानताएं हैं। जो मुद्दे पहले थे, वे अब भी है और आगे भी रहेंगे, जब तक गांधी परिवार इसका हिस्सा रहेगा दिक्कते रहेंगी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि वह भाजपा के लिए वरदान हैं।

तुलना में बीजेपी, कांग्रेस से काफी आगे हैं

उन्होंने कहा, जब तक दोनों दलों के नेताओं की तुलना की जाती है तो बीजेपी कांग्रेस से काफी आगे हैं और यह हमें सूट करता है। असम विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पहले साल 2015 में सरमा ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। पूर्वोत्तर राज्य में बीजेपी की पहली चुनावी जीत के लिए उन्हें बड़े पैमाने पर श्रेय दिया जाता है।

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