शिया गुरु के राजनीतिक सन्यास के ऐलान से इराक में हिंसा, 20 मरे, सेना ने किया कर्फ्यू का ऐलान

सोमवार को मौलवी मुक्तदा अल-सदर के राजनीति छोड़ने के फैसले से उनके समर्थकों में नाराजगी बढ़ गई और वे सड़कों पर उतर आए. इन लोगों की तेहरान समर्थित लोगों के साथ झड़प हो गई. उन्होंने बगदाद के ग्रीन जोन के बाहर एक-दूसरे पर पत्थर फेंके. बता दें कि इस इलाके में मंत्रालयों और दूतावासों में रहने वालों के घर हैं.
इराक में अराजकता की स्थिति देखने को मिल रही है. सोमवार को पावरफुल शिया मुस्लिम धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर ने राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया, जिसके बाद हालात और बिगड़ गए. बगदाद में धर्मगुरु के समर्थकों और ईरान समर्थित लोगों के बीच झड़पें हो गईं. घटना में 20 की मौत हो गई. भीड़ ने राष्ट्रपति भवन और सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया है. अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को हेलीकॉप्टर से ग्रीन जोन से बाहर निकाला गया.
प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबल आंसू गैस के गोले दाग रहे हैं. इस बीच, भीड़ प्रेसीडेंट्स पूल में स्विमिंग भी कर रहे हैं. धर्मगुरु के समर्थक रिपब्लिकन पैलेस के स्विमिंग पूल में मस्ती कर रहे हैं. उधर सेना ने हालातों से निपटने के लिए कर्फ्यू का ऐलान कर दिया.
10 महीने से ना प्रधानमंत्री, ना मंत्रिमंडल: बता दें कि इराक में पिछले 10 महीने से ना तो कोई स्थाई प्रधानमंत्री है. ना कोई मंत्रिमंडल है और ना ही कोई सरकार है. इस वजह से वहां राजनीतिक अराजकता की स्थिति बन गई है. यानी जिस तरह श्रीलंका में राजनीतिक संकट के बाद भीड़ ने संसद को बंधक बना लिया था. अब वैसे ही हालात इराक में बन चुके हैं.