ट्रम्प ने कहा- भारत-पाक के बीच तनाव कम हुआ; कश्मीर पर चौथी बार मध्यस्थता की पेशकश की

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान और भारत के
संबंधों में तल्खी है. कश्मीर मुद्दे पर तीन बार मध्यस्थता की पेशकश कर अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक बार फिर दोनों देशों की मदद करने का प्रस्ताव दोहराया.
उन्होंने कहा कि दो हफ्तों में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से कम हुआ है.
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समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच बैठक हुई थी. दोनों नेताओं के बीच कश्मीर मसले पर भी बात हुई. इस दौरान मोदी ने ट्रम्प के सामने मीडिया से कहा था कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है और हम दुनिया के किसी भी देश को इस पर कष्ट नहीं देना चाहते. इसके दो हफ्तों के बाद अमेरिकी प्रेसीडेंट का यह बयान आया है.
दोनों देशों से अच्छे रिश्ते: ट्रंप
प्रेसीडेंट ट्रंप ने कहा कि जैसा कि आप जानत ह कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर टकराव जारी है. मेरे दोनों देशों से अच्छे संबंध हैं. मैं उनकी मदद करना चाहता हूं
और वे यह जानते हैं.” फ्रांस में हुई बैठक में ट्रंप ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान मिलकर अपनी समस्याएं सुलझा सकते हैं. इससे पहले ट्रंप ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि कश्मीर एक जटिल स्थिति है. दोनों देशों के बीच बड़ी परेशानियां दशकों से चली आ रही हैं.
इमरान के दौरे में कहीथी बात
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रंप ने 22 जुलाई को मध्यस्थता की पेशकश की थी. उन्होंने यही प्रस्ताव 2 अगस्त और 23 अगस्त को दोहराया था. इमरान के अमेरिका दौरे पर ट्रंप ने कहा था कि मोदी दो हफ्ते पहले उनके साथ थे और उन्होंने कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश की थी. हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर ट्रंप के दावे को गलत बताया था. भारत सरकार की ओर से कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप ऐसी कोई बात नहीं ह.
अफगानिस्तान शांति वार्ता का अंत हुआ: ट्रंप
अमेरिका के प्रेसीडेंट डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि तालिबान के साथ लंबे समय से चल रही फगानिस्तान शांति वार्ता का अंत हो गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पिछले 4 दिनों में तालिबान पर जितने कठोर प्रहार किए हैं उतने पिछले 10 वर्षों में नहीं किए गए. ट्रंप ने वाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘उसका (तालिबान के साथ वार्ता) अंत हो है. जहां तक मेरा सवाल है, वह समाप्त हो चुकी है.’
वार्ता रद्द होने का किया था ऐलान
अमेरिकी प्रेसीडेंट ने शनिवार को यह कह कर दुनिया को सकते में डाल दिया था कि उन्होंने तालिबान और अफगानिस्तान के नेताओं के साथ कैम्प डेविड में होने वाली गोपनीय बैठक रद्द कर दी है. अमेरिका ने यह कदम काबुल में पिछले सप्ताह हुए हमले की जिम्मेदारी तालिबान द्वारा लेने के बाद उठाया है. इस हमले में अमेरिका का एक सैनिक भी मारा गया था.
वार्ता कैंसिल करने पर बोले ट्रंप
वार्ता कैंसिल करने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, ‘उन्होंने (तालिबान) सोचा कि बातचीत में खुद को बेहतर स्थिति पर रखने के लिए उन्हें लोगों को मारना होगा…वह मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते.’ ट्रंप ने कहा, ‘जहां तक मेरी बात है तो मेरे लिए वे समाप्त हों आप चुके हैं.हमने पिछले 4 दिनों में तालिबान पर जितने कठोर प्रहार किए हैं नान उतने पिछले 10 वर्षों में नहीं किए. उन्होंने कहा कि तालिबान ने गलती साव कर दी. हम निकलना (अफगानिस्तान से) चाहते थे, लेकिन हम उचित समय पर ही जाएंगे.
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ट्रंप ने कहा था अपने मैनिफेस्टो में बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की निकासी का वादा ट्रंप ने अपने मैनिफेस्टो में भी किया था. तालिबान से वार्ता के दौर में ट्रंप ने कहा था कि अफगानिस्तान से पूरी तरह से अमेरिकी सैनिकों की वापसी नहीं होगी. उन्होंने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों से मदद की मांग की थी.
टंप जारी करेंगे अपनी संपत्ति का ब्योरा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अगले साल तीन नवंबर को होने वाले प्रेसीडेंसियल इलेक्शन के मतदान से पहले अपनी संपत्ति का ब्योरा जारी करेंगे. ट्रंप ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि वह अपना टैक्स रिटर्न का ब्योरा सार्वजनिक करेंगे या नहीं. सोमवार को तुफान प्रभावित नॉर्थ कैरोलिना प्रांत के दौरे पर निकलने से पहले ट्रंप ने कहा, ‘चुनाव से पहले मैं अपना पूरा वित्तीय ब्योरा लोगों के सामने रख दूंगा.इसे देखकर लोग चौंक जाएंगे कि ट्रंप के पास इतना धन है.
ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें अपने परिवार का कारोबार बढ़ाने के लिए किसी को अपने होटल में ठहरने का सुझाव देने की जरूरत नहीं है. हाल में मीडिया में खबरें आई थी कि राष्ट्रपति ट्रंप के कहने पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस आयरलैंड के डूनबेग स्थित ट्रंप होटल और एयर फोर्स वन का चालक दल स्कॉटलैंड स्थित ट्रंप परिवार के रिजॉर्ट में ठहरा था. ट्रंप पर अमेरिकी करदाताओं के पैसे से अपने पारिवारिक कारोबार की मदद करने के आरोप लगते रहे हैं.