सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार सिद्दिकी कप्पन की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार सिद्दिकी कप्पन की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस माह की शुरुआत में कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उनके खिलाफ हाथरस मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पत्रकार सिद्दिकी कप्पन की जमानत याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार को जवाब देने को कहा। कप्पन को अक्टूबर 2020 में हाथरस में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद वहां जाते वक्त रास्ते में गिरफ्तार कर लिया गया था।

चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस एस रवीन्द्र भट्ट की बेंच ने याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए 9 सितंबर की तारीख निर्धारित की है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने इस माह की शुरुआत में कप्पन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उनके खिलाफ हाथरस मामले में गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

कप्पन के खिलाफ UAPA के तहत दर्ज है मामला
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से कथित तौर पर संबंध रखने वाले चार लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यूएपीए के विभिन्न प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पीएफआई पर नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देश भर में हुए प्रदर्शनों को धन देने के आरोप हैं। पुलिस ने पूर्व में दावा किया था कि आरोपी हाथरस में कानून व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे।

कप्पन के साथ गिरफ्तार आलम को मिली जमानत
कुछ दिनों पहले ही इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कप्पन के साथ गिरफ्तार आलम उर्फ मोहम्मद आलम सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। आलम अपनी कैब से सिद्दीक कप्पन को हाथरस ले जा रहा था, लेकिन मथुरा के मांट थाना क्षेत्र में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। न्यायालय ने कहा कि वर्तमान अभियुक्त का केस अभियुक्त सिद्दीक कप्पन के केस से अलग है।

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