Politics: उपचुनाव की सात सीटों पर भाजपा मजबूत या विपक्ष मारेगा बाजी? जानें सभी सीटों के ताजा समीकरण

भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की विधानसभा सीटों के लिए टिकट का एलान कर दिया है। महाराष्ट्र में शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट आमने-सामने होंगे। इसी तरह बिहार में महागठबंधन की एकजुटता बनाम भाजपा की लड़ाई होगी। आइए जानते हैं कि सातों सीटों पर क्या है समीकरण और कौन मजबूत दिख रहा है?
अगले महीने यानी तीन नवंबर को उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा के सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी के लिए ये उपचुनाव अग्नि परीक्षा बताए जा रहे हैं, वहीं विपक्षी दलों के लिए भी बड़ी चुनौति होगी। खासतौर पर बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा और तेलंगाना में।
भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की विधानसभा सीटों के लिए टिकट का एलान कर दिया है। महाराष्ट्र में शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे गुट आमने-सामने होंगे। इसी तरह बिहार में महागठबंधन की एकजुटता बनाम भाजपा की लड़ाई होगी। आइए जानते हैं कि सातों सीटों पर क्या है समीकरण और कौन मजबूत दिख रहा है?
पहले जानिए किन-किन सीटों पर चुनाव होने हैं?
बिहार की दो सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें मोकामा और गोपालगंज सीट है। इसके अलावा महाराष्ट्र के अंधेरी ईस्ट, हरियाणा के आदमपुर, तेलंगाना के मुनुगोड़े, ओडिशा के धामनगर और उत्तर प्रदेश के गोला गोरखनाथ सीट पर चुनाव होने हैं। इसके लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। 14 अक्तूबर तक उम्मीदवार इन सीटों के लिए नामांकन कर सकते हैं। तीन नवंबर को वोटिंग होगी और छह नवंबर को परिणाम जारी हो जाएंगे।
भाजपा ने किसे-किसे दिया टिकट?
अभी भाजपा ने हरियाणा, यूपी और तेलंगाना के लिए अपने उम्मीदवार उतारे हैं। महाराष्ट्र में भाजपा के गठबंधन साथी यानी शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट का प्रत्याशी मैदान में होगा। ओडिशा और बिहार के लिए अभी प्रत्याशियों का एलान होना बाकी है।
भाजपा ने अभी हरियाणा के आदमपुर विधानसभा सीट से पार्टी नेता कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को अपना उम्मीदवार बनाया। वहीं, तेलंगाना के मुनुगोड़े से के राजगोपाल रेड्डी और उत्तर प्रदेश के गोला गोरखनाथ से अमन गिरी को उतारा है।
क्या हैं सातों सीटों के समीकरण?
आदमपुर विधानसभा (हरियाणा) : हरियाणा से भाजपा ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को टिकट दिया है। कुछ महीने पहले तक पिता-पुत्र दोनों कांग्रेस में थे। 2019 विधानसभा चुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा प्रत्याशी को यहां से हराया था। हाल ही में वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्हें सदस्यता छोड़नी पड़ी थी। कुलदीप पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के बेटे हैं। आदमपुर और आसपास की सीटों पर बिश्नोई परिवार का दबदबा माना जाता है। कांग्रेस भी इस सीट पर मजबूत प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। इस बार आम आदमी पार्टी भी बड़ा दांव खेल सकती है।
गोपालगंज और मोकामा विधानसभा सीट (बिहार) : भाजपा और जेडीयू का गठबंधन टूटने के बाद यह पहला चुनाव है। ऐसे में जहां, भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी, वहीं महागठबंधन के लिए ये चुनाव किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। मोकामा सीट आरजेडी विधायक रहे अनंत कुमार को दस साल की सजा मिलने के चलते खाली हुई है। वहीं, भाजपा विधायक सुभाष सिंह के निधन के बाद गोपालगंज सीट खाली हुई है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के एक हो जाने से मोकामा में महागठबंधन मजबूत माना जा रहा है, वहीं गोपालगंज में भाजपा को अपना कब्जा बरकरार रखने की कोशिश करेगी।
गोला गोरखनाथ (यूपी) : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी स्थित गोला गोरखनाथ विधानसभा सीट से भाजपा ने अमन गिरि को अपना उम्मीदवार बनाया है। अमन अरविंद गिरी के बेटे हैं, जो यहां से भाजपा विधायक थे और पिछले महीने उनकी मृत्यु हो गई। वहीं, समाजवादी पार्टी ने विनय तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। विनय तिवारी वर्ष 2000 में स्वयं और 2006 में पत्नी रेखा तिवारी को नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ाया लेकिन हार हाथ लगी। वर्ष 2012 में परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर सपा ने विनय को उम्मीदवार बनाया। इस नई विधानसभा की पहली जीत विनय ने सपा की झोली में डाली। वर्ष 2017 में सपा ने फिर से भरोसा जताया मगर भाजपा लहर में अरविंद गिरी जीत गए। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत फिर से भाजपा के पाले में चली गई और भाजपा उम्मीदवार अरविंद गिरी से 29,294 के अंतर से विनय चुनाव हार गए।
मुनुगोड़े (तेलंगाना) : इस सीट से भाजपा ने राजगोपाल रेड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है। रेड्डी अभी तक इसी सीट से कांग्रेस के विधायक थे। कुछ महीने पहले ही वह भाजपा में शामिल हो गए थे। जिसके बाद उन्हें विधानसभा की सदस्यता छोड़नी पड़ी थी। अब उपचुनाव में भी रेड्डी की दावेदारी पेश करेंगे। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव के लिए भी ये बड़ी चुनौती है। अभी उन्होंने टीआरएस की जगह अपनी नई राष्ट्रीय पार्टी का एलान किया है। इसे भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस नाम दिया है।
अंधेरी ईस्ट : महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट के उपचुनाव में पहली बार एकनाथ शिंदे गुट की अग्नि परीक्षा होगी। शिंदे के सामने उद्धव गुट का उम्मीदवार होगा। उद्धव गुट को कांग्रेस, एनसीपी का भी समर्थन मिला है। वहीं, शिंदे को भाजपा ने समर्थन दिया है। उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद ये पहला चुनाव है। इस सीट से अब तक शिवसेना के रमेश लटके विधायक थे। अब शिंदे गुट और भाजपा ने मिलकर यहां से पूर्व पार्षद मुरजी पटेल को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया है।
धामनगर (ओडिशा) : ये सीट भाजपा विधायक बिष्णु चरण सेठी के 19 सितंबर को निधन के बाद खाली हुई थी। सीट पर भाजपा की पकड़ मजबूत मानी जाती है। अब तक पार्टी ने उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार का एलान नहीं किया है। हालांकि, सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) भी कड़ी टक्कर देने को तैयार है। बीजद ने 2019 के बाद से हुए सभी पांच उपचुनावों में जीत हासिल की है। ओडिशा में 2019 में पिछला विधानसभा चुनाव हुआ था। पिछले तीन वर्षों में बीजद ने बीजेपुर (2019), बालासोर (2020), तिरतोल (2020), पिपिली (2021) और ब्रजराजनगर (2022) विधानसभा सीट के उपचुनाव जीते हैं।