PM मोदी के सर्वे ने उड़ाई CM योगी के विधायकों की नींद, लोगों बोले- आने वाले चुनाव के लिए..

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर सभी राजनीतिक दलों तैयारियों में जुट गए हैं। हर राज्य में भले ही अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे। लेकिन अभी से ही सभी राजनीतिक दलों ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। क्योंकि उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है।
जहां से किसी भी पार्टी की जीत केंद्र की सत्ता के लिए अहम भूमिका निभाती आई है। इसी बीच उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के विधायकों का फीडबैक देना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी उत्तर प्रदेश के विधायकों के कामकाज का फीडबैक अपनी नमो ऐप के जरिए ले रहे हैं।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस ऐप के जरिए विधायकों का फीडबैक लिया जा रहा है। जो कि संतोषजनक नहीं है। नमो ऐप के जरिए जनता फीडबैक दे रही है उसे भारतीय जनता पार्टी के विधायकों की नींद उड़ चुकी है। सूत्रों का दावा है कि सर्वे की रिपोर्ट आने के के बाद बीजेपी के करीब 50 विधायकों का टिकट कट सकता है।
बताया जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी नमो ऐप के जरिए आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए विधायकों के कामकाज का सर्वे करवाया जा रहा है। इस सर्वे के जरिए भाजपा लोगों से अपील कर ही है कि लोग अपने स्थानीय विधायक के काम का फीडबैक सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से साझा करें। इस सर्वे में जनता से यह सवाल भी किया जा रहा है कि क्या वह अपने विधायक के कामकाज से खुश हैं या नहीं।
इस मामले में भाजपा के एक प्रदेश महासचिव कहते हैं। नमो ऐप के जरिए जो फीडबैक पीएम के पास जा रही है उससे वर्तमान विधायकों के बीच अफरा तफरी मची हुई है। अब इन्हें ड’र सता रहा है कि कहीं इनका टिकट न काट जाए। चुनाव से पहले वैसे भी एक विधानसभा के भीतर कई दावेदार सामने आ रहे हैं, लेकिन कई विधानसभाएं ऐसी हैं जहां का फीडबैक तो काफी खराब है।
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर विधायकों के साथ ही मंत्रियों के कामकाज पर भी भाजपा आला कमान और संघ की नजर बनी हुई है। उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों पर भी तलवार लटकी हुई है।
पिछले दिनों लखनऊ में जब बी एल संतोष और अत्तर प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह ने अलग अलग मंत्रियों के साथ बैठक की थी तब उन्हें सख्त हिदायत दी गई थी कि समय रहते वो अपने कामकाज को ठीक करें। जनता के बीच मंत्रियों के कामकाज को लेकर नाराजगी ज्यादा है, लिहाजा समय रहते मामला नहीं संभला तो चुनाव से पहले गाज गिरना तय है। (साभार- हिंदी रोल्स)