SCO की मीटिंग में मोदी जिनपिंग को लगाने जा रहे गले? ब्रह्म चेलानी की पोस्ट शेयर कर बीजेपी के पूर्व सांसद का सवाल

SCO की मीटिंग में मोदी जिनपिंग को लगाने जा रहे गले? ब्रह्म चेलानी की पोस्ट शेयर कर बीजेपी के पूर्व सांसद का सवाल

बीजेपी नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता स्वामी पिछले कई महीनों से लगातार पीएम मोदी और मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। दरअसल अगले महीने सितम्बर में SCO की बैठक होने वाली है और इस बैठक में पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात कर सकते हैं। वहीं अब इसी मुद्दे को लेकर स्वामी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है।

पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अब रूस के वरिष्ठ साझेदार के रूप में चीन संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन पर भारत के वोटिंग से परेशान है। तो क्या हम एससीओ की आगामी बैठक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को गले लगाने जा रहे पीएम मोदी का समर्थन करने जा रहे हैं?” दरअसल स्वामी ने कहा है कि पीएम मोदी जारी सैन्य गतिरोध के बीच भी क्या शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे?

ब्रह्म चेलानी ने ट्वीट कर बताया था कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के मुलाकात को लेकर तैयारी की जा रही है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, “यहां तक ​​​​कि भारतीय लद्दाख में चीन की चोरी-छिपे जमीन पर कब्जा करने को लेकर 28 महीने से चल रहे सैन्य गतिरोध के बावजूद भारत और चीन ने समरकंद में 15- 16 सितंबर को एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर संभावित मोदी-शी बैठक की तैयारी शुरू कर दी है। शी ने जनवरी 2020 से विदेश की यात्रा नहीं की है।”

सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स भी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। प्रीतम नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “विदेश मंत्री के अनुसार चीन के साथ हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं लेकिन पीएम मोदी शी से मिलेंगे? 18 या भगवान जानता है कि उनके बीच कितनी और गुप्त बैठकें हुईं। उन मुलाकातों के परिणाम- चीनी आक्रमण?” सुमित कोचर नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “एक ट्रैक रिकॉर्ड के रूप में मोदी ने उन सभी को धोखा दिया है जिन्होंने उन पर भरोसा किया है और उस पर कायम हैं।”

वहीं देवेश मिश्रा नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, “यही है पीएम मोदी की खूबसूरती। वह वही करते हैं, जो भारत के लिए अच्छा है। दूसरे क्या कहते हैं या क्या सोचते हैं, इसकी परवाह न करें। लेकिन मुझे यकीन है कि इस मुद्दे पर रूस को विश्वास में लिया गया होगा।”

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