नीतीश सरकार से बाहर होने के बाद कार्तिकेय सिंह हुए अंडरग्राउंड, पटना पुलिस कर रही गैर जमानती वारंट की तैयारी

पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों के मुताबिक पुलिस टीम मोकामा स्थित उनके पैतृक गांव गई तो वे वहां नहीं मिले। इसके बाद चार सितंबर को पटना के कंकड़बाग स्थित उनके सरकारी आवास पर टीम गई तो वे वहां भी नहीं मिले। इसकी जानकारी कोर्ट को दे दी गई है।
बिहार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह अंडरग्राउंड हो गए हैं। अपहरण के एक मामले में उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी है। पुलिस पटना स्थित उनके सरकारी आवास और उनके पैतृक आवास में उनको तलाश करने के लिए पहुंची तो वे नहीं मिले। अब पुलिस उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने की तैयारी कर रही है। दानापुर कोर्ट से कार्तिकेय सिंह की अग्रिम जमानत याचिका से पहले ही खारिज हो चुकी है।
पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने मीडिया को बताया कि पुलिस टीम मोकामा स्थित उनके पैतृक गांव गई तो वे वहां नहीं मिले। इसके बाद चार सितंबर को पटना के कंकड़बाग स्थित उनके सरकारी आवास पर टीम गई तो वे वहां भी नहीं मिले। इसकी जानकारी कोर्ट को दे दी गई है। अब अगली सुनवाई 14 सितंबर को होगी।
जिस दिन सरेंडर करना था, उसी दिन मंत्री बन गए
कार्तिकेय सिंह को पिछले महीने 16 तारीख को कोर्ट ने सरेंडर करने के लिए निर्देश दिया था, लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने उसी दिन उनको कानून मंत्री की शपथ दिला दी। इस पर विवाद शुरू हो गया। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर शोर मचाया तो 30 अगस्त को मुख्यमंत्री ने उनसे कानून मंत्री की जिम्मेदारी वापस लेकर उन्हें गन्ना उद्योग मंत्री का प्रभार सौंप दिया। इसके बाद शाम को वे अपना इस्तीफा सौंप दिए।
क्या है पूरा मामला
साल 2014 में एक व्यक्ति का अपहरण हुआ था। इस मामले में कार्तिकेय सिंह भी आरोपी हैं। उनके खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है और उनको 16 अगस्त को कोर्ट में पेश होना था। जिस वक्त उन्हें सरेंडर होना था, उस वक्त वे मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है।
चुनावी हलफनामे में खुद पर चार केस दर्ज होने की बात बताई है
कार्तिकेय सिंह ने चुनावी हलफनामे में कार्तिकेय ने अपने ऊपर चार मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इन मामलों में उनके ऊपर चोरी, अपहरण, दंगा करने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, आपराधिक साजिश रचने, जबरन वसूली, घातक हथियारों से लैस होकर दंगा करने से जुड़े आरोप हैं। इसके साथ ही सार्वजनिक सड़क, पुल, नदी या चैनल को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप उनके ऊपर है।