DG Jail Murder: पीओके में बैठे मास्टरमाइंड ने दिया डीजी की हत्या का आदेश! चार आतंकी संगठनों को करता है कंट्रोल

DG Jail Murder: खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घाटी में इस वक्त जितनी भी बड़ी वारदातें हो रही हैं, उसमें सबसे बड़ा हाथ पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठे इस आतंकी का है। फिलहाल पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठे एक आतंकी की हरकतों पर भारत की खुफिया एजेंसियों ने निगा
जम्मू कश्मीर कारागार डीजी जेल एचके लोहिया हेमंत कुमार लोहिया की हत्या के तार पीओके से जुड़ रहे हैं। दरअसल जिस आतंकी संगठन द रजिस्ट्रेंस फ्रंट ने डीजीपी की हत्या की जिम्मेदारी ली है, वह पाक के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद में बैठे एक आईएसआई के सक्रिय आतंकी की शह पर अब घाटी में आतंक फैला रहा है। इस आतंकी का दिल्ली से गहरा नाता रहा है। द रजिस्ट्रेंस फ्रंट के अलावा घाटी में तीन और आतंकी स्लीपर सेल के तौर पर सक्रियता बढ़ा रहे हैं। खुफिया एजेंसियों को इसकी जानकारी भी है और बीते एक साल के भीतर इन स्लीपर सेल के आतंकियों पर बड़ी कार्रवाईयां भी की हैं।
भारतीय खुफिया एजेंसी की नजर
डीजीपी जेल एचके लोहिया की हत्या में द रजिस्ट्रेंस फ्रंट ने आतंकी वारदात की जिम्मेदारी ली है। सूत्रों का कहना है कि घाटी में स्लीपर सेल के तौर पर ये आतंकी संगठन न सिर्फ सक्रिय है,, बल्कि घाटी के युवाओं को गुमराह कर अपने सेल में शामिल कर रहा है। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घाटी में इस वक्त जितनी भी बड़ी वारदातें हो रही हैं, उसमें सबसे बड़ा हाथ पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठे इस आतंकी का है। फिलहाल पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठे एक आतंकी की हरकतों पर भारत की खुफिया एजेंसियों ने निगाह बनाई हुई हैं। सूत्रों का कहना है कि कश्मीर घाटी में हो रही वारदातों के पीछे भी मुजफ्फराबाद में बैठे इसी शख्स का हाथ है। जिस तरह से टीआरएफ ने डीजीपी की हत्या की जिम्मेदारी ली है, वह इशारा करता है कि पीओके में बैठा आतंकी अपने नेटवर्क को घाटी में मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रहा है। हालांकि अभी भी खुफिया एजेंसियां इस दिशा में काम कर रहीं हैं कि क्या वास्तव में इस घटना का आतंकी कनेक्शन है भी या नहीं।
संसद हमले में शामिल आतंकी से रहा है कनेक्शन
रक्षा मामलों से जुड़े एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि कश्मीर में पिछले साल सैयद अली शाह गिलानी की मृत्यु के बाद पाकिस्तान की ओर से आंतक फैलाने में मदद करने वाला कोई भी रहनुमा अब जीवित नहीं बचा है। यही वजह है कि आईएसआई ने अब अपने आतंकवाद फैलाने वाले केंद्र बिंदु को घाटी से पीओके के मुजफ्फराबाद में शिफ्ट कर दिया है। मुजफ्फराबाद में इस वक्त आईएसआई ने घाटी में आतंक को फैलाने की कमान ऐसे शख्स को दी है, जिसका नेटवर्क भारत में पहले से बना हुआ है। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस व्यक्ति का रिश्ता संसद हमले में शामिल एक व्यक्ति से भी रहा है। संसद हमले में शामिल रहे आतंकी से करीबी रिश्तेदारी के चलते ही आईएसआई ने इस शख्स पर घाटी में आतंकवाद फैलाने का दांव लगाया था। लेकिन सैयद अली शाह गिलानी के चलते यह व्यक्ति स्लीपर सेल की तरह काम करता रहा। अब उनकी मौत के बाद यह श्रीनगर के बाहरी इलाकों से निकलकर पीओके के मुजफ्फराबाद में पहुंच चुका है। सूत्र बताते हैं कि जो भी घाटी में आतंकी घटनाएं हो रही हैं, उसके पीछे पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठे इसी मास्टरमाइंड का हाथ होता है। टीआरएफ को भी यही आतंकी पनाह देकर माहौल बिगाड़ने में लगा है।
आईएसआई के इशारे पर कर रहे काम
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठनों ने पीओके के मुजफ्फराबाद से कश्मीर में कुछ छोटे-मोटे आतंकी संगठन जरूर तैयार किए। जिसमें द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), द पीपुल्स एंटी फासिस्ट फोर्स (पीएएएफ), कश्मीर टाइगर्स (केटी) और कश्मीर जांबाज़ फोर्स (केजेबी) जैसे कुछ और छोटे-मोटे स्थानीय लड़कों के आतंकी संगठन तैयार किए गए हैं। खुफिया और रक्षा सूत्रों के मुताबिक यह सभी संगठन पाकिस्तान के आईएसआई के इशारे पर ही काम कर रहे हैं। ये सभी संगठन पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद के अलावा हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों का ही एक अलग आतंकी संगठन है। केंद्रीय खुफिया एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि पीओके के मुजफ्फराबाद में बैठे जिस शख्स के इशारे पर इस वक्त घाटी में थोड़ी बहुत हलचल हो रही है वह उसके निशाने पर है।