कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: थरूर ने मानी खरगे की सलाह, G-23 के सवाल पर हुए नाराज, मीडिया को ठहराया जिम्मेदार

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव: थरूर ने मानी खरगे की सलाह, G-23 के सवाल पर हुए नाराज, मीडिया को ठहराया जिम्मेदार

कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए मतदान का दिन अब नजदीक आ गया है। 17 अक्तूबर को होने वाले मतदान से पहले उम्मीदवार शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खरगे अपनी-अपनी बातें रख रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव में उम्मीदवार शशि थरूर ने अपने प्रतिद्वंदी मल्लिकार्जुन खरगे की इस बात से सहमत हैं कि दोनों को एक-दूसरे से नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लड़ना है। शशि थरूर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं खरगे जी से सहमत हूं कि कांग्रेस में सभी लोगों को एक दूसरे की बजाय भाजपा से मुकाबला करना चाहिए। हमारे बीच कोई वैचारिक मतभेद नहीं है। थरूर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं खरगे जी से सहमत हूं कि हम सभी को एक-दूसरे के बजाय भाजपा का मुकाबला करना है। हमारे बीच कोई वैचारिक अंतर नहीं है। 17 अक्तूबर को होने वाला चुनाव हमारे मतदान सहयोगियों के इस बात पर निर्भर है कि कैसे वे इसे सबसे प्रभावी ढंग से संपन्न करते हैं।

G-23 की बात पर थरूर ने जताई नाराजगी
वहीं शशि थरूर ने G-23 के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि G-23 कुछ नहीं है बल्कि यह मीडिया के द्वारा सृजन किया गया शब्द है। इससे किसी कांग्रेसी का कोई लेना देना नहीं है। कुछ बातें बेवजह फैलाई जाती हैं।

थरूर की सलाह पर खरगे ने की थी टिप्पणी
बता दें कि थरूर ने रविवार को कहा था कि वह मल्लिकार्जुन खरगे के साथ सार्वजनिक बहस के लिए तैयार हैं, क्योंकि इससे लोगों की पार्टी में उसी तरह से दिलचस्पी पैदा होगी, जैसे कि हाल में ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व पद के चुनाव को लेकर हुई थी। उनकी इस टिप्पणी पर खरगे ने कहा था कि उन्हें और थरूर को भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ मिलकर लड़ना है। खरगे का यह भी कहना था कि उन्हें और थरूर को महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों के साथ ही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा के खिलाफ मिलकर काम करना है।

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