मुस्लिम वोटों पर नजर गड़ाए है बीजेपी का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, गुजरात में बनाए जाएंगे 100 ‘अल्पसंख्यक मित्र’

मुस्लिम वोटों पर नजर गड़ाए है बीजेपी का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, गुजरात में बनाए जाएंगे 100 ‘अल्पसंख्यक मित्र’

2011 की जनगणना के अनुसार, गुजरात में मुसलमान सबसे बड़े अल्पसंख्यक हैं, जो जनसंख्या का 9.65 प्रतिशत है। हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनावों में केवल तीन मुस्लिम विधायक ही जीत हासिल कर सके थे।

गुजरात में मुसलमानों के साथ जुड़ने के लिए भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ (BJP Minority Cell) ने एक अभियान शुरू किया है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा नेता जमाल सिद्दीकी ने रविवार को कहा कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय की बड़ी आबादी है वहां कम से कम 100 ‘अल्पसंख्य मित्र’ (Alpsankhyak Mitra) बनाए जाएंगे।

भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख जमाल सिद्दीकी ने बताया कि ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की बूथ समितियों में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों मुख्य रूप से मुस्लिम को भी शामिल किया जाएगा।

ऐसे लोग बन सकेंगे अल्पसंख्यक मित्र
उन्होंने कहा कि भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि के कम से कम 100 मुसलमानों को पार्टी से सहानुभूति रखने वालों के रूप में जोड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया है। वे स्प्रिचुअल लीडर, पेशेवर और उद्यमी हो सकते हैं और सरकार में काम करने वाले भी हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि पार्टी के ऐसे प्रत्येक ‘अल्पसंख्यक मित्र’ को अपने आसपास से भाजपा के लिए 50 अल्पसंख्यक वोट सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सदस्यों को 109 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा की बूथ समितियों में शामिल किया जाएगा, जहां मुस्लिम आबादी 25,000 से एक लाख वोट के करीब है।

बिलकिस बानो के मामले में सरकार पर उठ रहे सवाल
भाजपा की यह पहल ऐसे समय में हुई है, जब गुजरात में उसकी राज्य सरकार पर हमला हो रहा है, जिसने 2002 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान एक मुस्लिम महिला बिलकिस बानो के साथ बलात्कार करने और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए 11 लोगों को रिहा कर दिया था।

इस बारे में पूछे जाने पर सिद्दीकी ने अपनी पार्टी की सरकार का बचाव करते हुए कहा कि उसने “हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए एक समिति बनाई थी और उस समिति ने दोषियों को रिहा करने का फैसला किया।”

दया भारतीय संस्कृति का हिस्सा है
सिद्दीकी ने कहा कि यह केवल भाजपा सरकार थी, जिसने उन्हें दंडित किया और एक निश्चित सजा काटकर उन्हें रिहा कर दिया गया…आखिरकार, दया भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। 2002 के दंगों के बारे में पूछे जाने पर सिद्दीकी ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और लोगों ने आगे कोई कदम नहीं उठाया।

उन्होंने कहा कि दंगे 2002 में हुए, यह दुर्भाग्यपूर्ण था। यह अब बीत चुका है और लोग आगे बढ़ गए हैं। लोगों ने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं। उनकी सरकार में लोगों को उनके धर्म के बावजूद कल्याणकारी योजनाओं से लाभ हुआ है।

2011 की जनगणना के अनुसार, गुजरात में मुसलमान सबसे बड़े अल्पसंख्यक हैं, जो जनसंख्या का 9.65 प्रतिशत है। हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनावों में केवल तीन मुस्लिम विधायक ही जीत हासिल कर सके थे, जो सभी कांग्रेस से संबंधित थे। कांग्रेस ने पांच उम्मीदवार खड़े किए थे, जबकि बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में किसी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया था।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *