सिद्धू को अमरिंदर ने बताया पाकिस्तानी PM का दोस्त, कहा-‘मेरी सरकार में वह..’

चंडीगढ़: पंजाब में सियासी भूचाल आज एक अहम पड़ाव पर पहुँच गया. कांग्रेस पार्टी में चल रही अंदरूनी खींचतान के बाद आज कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया. इस्तीफ़ा देने के बाद उन्होंने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर हमला बोला. उल्लेखनीय है कि सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच विवाद काफ़ी समय से चल रहा है.
अमरिंदर ने सिद्धू को एक नाक़ाबिल मंत्री बताया. उन्होंने कहा,”अपने देश की खातिर, मैं पंजाब के मुख्यमंत्री के लिए उनके (नवजोत सिंह सिद्धू) नाम का विरोध करूंगा. यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान उनके दोस्त हैं. सिद्धू के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ संबंध हैं.”
कैप्टन ने कहा, “नवजोत सिंह सिद्धू एक अक्षम व्यक्ति हैं. वह मेरी सरकार में कुल आपदा थे. वह एक मंत्रालय नहीं चला सके जो मैंने उन्हें दिया था. उन्होंने सात महीने तक फाइलों को मंजूरी नहीं दी.” . उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आज सुबह फोन पर पद छोड़ने की बात की थी क्योंकि उन्हें अपमानित किया गया था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस्तीफे पर उनसे बात करने के बाद कहा, ‘मुझे खेद है अमरिंदर’.
उनके और पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लगातार राजनीतिक विवाद की स्थिति थी. इसी सिलसिले में आज अमरिंदर ने अपने पद से इस्तीफ़ा दिया है. सूत्रों का कहना है कि नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच तीन नेताओं के नाम की चर्चा जोरों पर है. इनमें पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़, प्रताप सिंह बाजवा और बेअंत सिंह के पोते और सांसद रवनीत सिंह बिट्टू का नाम शामिल है.
इस्तीफ़ा देने के बाद जब अमरिंदर सिंह से मीडिया ने पूछा कि अब पार्टी किसे CM बनाएगी तो उन्होंने कहा कि उन्हें जिस पर भरोसा है उसको बनाएँगे. उन्होंने ये भी कहा कि वह अभी कांग्रेस में हैं और आगे क्या करना है इसको लेकर जल्द ही फ़ैसला लेंगे.
नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच चल रही सियासी जंग ने एक नया मोड़ ले लिया है. सिद्धू की नाराज़गी दूर करने के लिए पार्टी ने उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था लेकिन अमरिंदर सिंह अब नाराज़ दिख रहे हैं. इसके पहले ऐसी ख़बरें आयी थीं कि अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से कहा, “इस तरह के अपमान के साथ वह कांग्रेस में नहीं रह सकते हैं.”