मिशन 2024 के लिए अखिलेश यादव का प्लान, मुलायम की राह से यूपी फतह तैयारी

मिशन 2024 के लिए अखिलेश यादव का प्लान, मुलायम की राह से यूपी फतह तैयारी

मिशन 2024 के लिए अखिलेश यादव ने तैयारी तेज कर दी है।सपा मुखिया अखिलेश यादव मुलायम सिंह यादव की राह पर चलने की कोशिश करने में जुट गए हैं।

मुलायम सिंह यादव अपने लोगों के बीच सियासत के गुर सिखाते हुए चर्चा, पर्चा व खर्चा पर खास जोर देते रहे हैं। अब उनके उत्तराधिकारी व सपा मुखिया अखिलेश यादव उसी राह पर चलने की कोशिश करने में जुट गए हैं। एक हफ्ते में उन्होंने राजधानी में दो बड़े आयोजन किए। उनकी मंशा के मुताबिक वह उतने कामयाब भले न दिखें हों, लेकिन उसकी चर्चा जरूर होने लगी।

सड़क से सदन तक अपने कार्यकर्ताओं व विधायकों में जोश भरने में जुटे अखिलेश अब खुद मैदान में उतरे हैं। एसी कमरे से निकलने के चौतरफा आरोपों के बीच सोमवार को उन्होंने पदयात्रा, पैदल मार्च, धरना का आयोजन तो एक साथ कर दिया। इसके साथ ही सपा ने विधानसभा की बैठक सड़क पर लगा कर उसमें नाटकीयता का पुट भी दे दिया।

मुलायम सिंह इस तरह विधानसभा लगाने की सियासत पहले भी कर चुके हैं। वह अचानक कार्यक्रम बदल कर साइकिल चला कर हजरतगंज पहुंच कर चौंका देते थे। कुछ उसी तर्ज पर इस बार अखिलेश ने पहले चार दिन तक लगातार विधायकों के जरिए विधानभवन परिषद में धरना देने का आयोजन रखा। पहले दिन सुबह सपा विधायक अपने घरों में घेरे लिए गए। बाहर नहीं निकल पाए। परिसर में वह आयोजन तो नहीं हो पाया लेकिन उसकी चर्चा सोशल मीडिया पर खासी हो गई।

इसके बाद अखिलेश ने सपा कार्यालय से विधानभवन तक पदयात्रा करने की योजना बनाई। पुलिस प्रशासन ने उन्हें दूसरे रूट से जाने का कहा। सपाइयों को मौका मिल गया सड़क पर धरना प्रदर्शन करने का…। आसानी से विधायक मार्च कर विधानसभा पहुंच जाते तो शायद उन्हें सरकार इस तरह घेरने का मौका नहीं मिलता। एक विधायक के निधन पर सड़क पर सदन की बैठक लगा कर उन्हें श्रद्धांजलि देकर भी अखिलेश ने संदेश देने की कोशिश की।

अब सपा अक्तूबर से प्रदेश में भर में आंदोलन की तैयारी कर रही है। इससे पहले राज्य सम्मेलन व राष्ट्रीय सम्मेलन कर राज्यकार्यकारिणी व राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन कर संगठन को नये रूप देने काम भी हो जाएगा।

सपा विधायक विधानभवन के सामने भी लगा चुके हैं प्रतीकात्मक विधानसभा

जब मायावती सरकार थी, तब विधानसभा सत्र में हंगामें के कारण तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ने सपा विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया था। उस वक्त सपा विधायकों ने शिवपाल यादव के नेतृत्व में सड़क पर प्रतीकात्मक विधानसभा चला कर विरोध दर्ज कराया था। उस वक्त नेता प्रतिपक्ष धनीराम वर्मा, अम्बिका चौधरी ने अलग-अलग भूमिका निभाकर सड़क पर सदन चलाया और मायावती सरकार पर तीखे हमले किए।

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