राहुल गांधी को ही अध्यक्ष क्यों बनाना चाहते हैं कांग्रेस नेता? विस्तार से समझें 5 वजह

राहुल गांधी को ही अध्यक्ष क्यों बनाना चाहते हैं कांग्रेस नेता? विस्तार से समझें 5 वजह

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को लगता है कि राहुल को अध्यक्ष बनना चाहिए। अब सवाल है कि कांग्रेस गांधी परिवार और खासतौर से राहुल को ही पार्टी के शीर्ष पद पर क्यों देखना चाहती है।

Congress President Election 2022: कांग्रेस को 19 अक्टूबर को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। पार्टी की तरफ से चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया गया है। हालांकि, इस चुनाव में पूर्व प्रमुख राहुल गांधी की उम्मीदवारी को लेकर स्थिति साफ नहीं है, लेकिन खबरें आती रही हैं कि कांग्रेस नेता लगातार उन्हें मनाने की कोशिशें कर रहे हैं। राहुल ने 2019 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल, सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को लगता है कि राहुल को अध्यक्ष बनना चाहिए। अब सवाल है कि पार्टी गांधी परिवार और खासतौर से राहुल को ही पार्टी के शीर्ष पद पर क्यों देखना चाहती है।

राष्ट्रीय स्तर पर दखल
इंडिया टुडे के अनुसार, एक कांग्रेस महासचिव ने कहा कि राहुल गांधी के पास 12 करोड़ मतदाताओं का वोट शेयर है। उन्होंने कहा, ‘साल 2019 में कांग्रेस को जो वोट मिले वह राहुल गांधी के लिए मिले थे, क्योंकि चुनाव उनके नाम पर लड़ा गया था। विपक्ष के किसी भी नेता को इतने वोट नहीं मिले। अब इस वोट बैंक पर कांग्रेस को खुद को बनाना होगा। जब ब्रांड रागा पर हमले हो रहे थे, तो कांग्रेस नेताओं ने जवाब नहीं दिया, लेकिन कार्यकर्ताओं ने हमेशा ऐसा किया। पार्टी में यह आम धारणा है कि हमें ब्रांड रागा को मजबूत करने होगा, क्योंकि इसकी गूंज राष्ट्रीय स्तर तक है।’

जब गुलाम नबी आजाद के खिलाफ हुए अशोक गहलोत; राजीव-संजय गांधी के दौर में मिले हाथ, राहुल युग में छूटे

2018 में अच्छा प्रदर्शन
2012 से लेकर 2022 तक कांग्रेस का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2018 में रहा और उस समय राहुल अध्यक्ष थे। कांग्रेस में नए युवा चेहरों को अहम जिम्मेदारियां दी गई, लोगों तक पहुंच बढ़ाने के लिए पहल की गईं, अभियान चलाए गए। इसने कांग्रेस को छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक में गठबंधन की सरकार और गुजरात में बीते दो दशकों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की।

लेते हैं जिम्मेदारी
साल 2019 में टिकट वितरण से लेकर अभियान तक के लिए एक कोर टीम तैयार की गई थी। राहुल इस टीम का हिस्सा नहीं थे, लेकिन G-23 के कुछ सदस्य समेत वरिष्ठ नेताओं ने बड़े अहम फैसले लिए। जब नतीजे आए, तो नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने इस्तीफा दे दिया, लेकिन किसी नेता ने ऐसा नहीं किया।

जीत का सहरा सभी पर, हारे तो राहुल जिम्मेदार!
रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के एक राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘जब राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस राज्यों में जीती थी, तो उस समय श्रेय पार्टी के अन्य नेताओं को दिया गया था, लेकिन हार का जिम्मेदार उन्हें बना दिया। जब राहुल गांधी पर हमले हो रहे थे, तो पार्टी के कुछ शीर्ष नेताओं की चुप्पी कैडर के बीच ठीक नहीं रही। आप देख सकते हैं कि कैसे पार्टी के युवा सदस्यों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिक्रिया दी। वे तब भी राहुल गांधी के साथ खड़े रहे, जब बड़े नेताओं ने पक्ष बदल लिया।’

सरकार पर हमला बोलने वाले विपक्ष के एकमात्र नेता
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि विपक्षी खेमे में राहुल एकमात्र नेता है, जो लगातार मुद्दे उठाते हैं और मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। इंडिया टुडे से बातचीत में राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, ‘राहुल गांधी एक ही नेता हैं, जो महंगाई, जीएसटी जैसे मुद्दों पर सरकार का सामना कर रहे हैं। ऐसे समय में जब ईडी और सीबीआई चल रही हैं, तो राहुल गांधी के साथ वो ही चल सकते हैं, जिन्हें इन एजेंसियों का डर नहीं है।’

पार्टी की तरफ से जारी कार्यक्रम के अनुसार, 17 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होने जा रहा है। वहीं, 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। खबरें आ रही थी कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *