ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन का भारत दौरा, देश के लिए क्या मायने रखता है? कल पीएम मोदी से मिलेंगे

British PM Boris Johnson’s visit to India: ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन 2 दिन के लिए भारत पहुंचे हैं. इस दौरान वह गरुवार शाम तक सभी स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे और शाम को दिल्ली के लिए रवाना होंगे, वहीं उनकी मुलाकात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी। गुरुवार को उनका गुजरात आना हुआ और आते ही उनका भव्य स्वागत हुआ.
बोरिस जॉनसन ने साबरमती आश्रम पहुंचकर महात्मा गांधी की तस्वीर में माला चढ़ाई और चरखा चलाया, विज़िटर बुक में उन्होंने लिखा “इस असरधारण व्यक्ति के आश्रम में आना मेरे में बड़ा सौभाग्य है, मैंने समझा कि उन्होंने कैसे अहिंसा के ऐसे सरल सिद्धांतों को बेहतर बनाने के लिए दुनिया को बदलने के लिए प्रेरित किया’
बोरिस जॉनसन के साथ गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल भी रहे, इस दौरान उन्होंने ब्रिटिश पीएम को गांधी की शिष्या मेडेलिन स्लेड की ऑटोबायोग्राफी ‘द स्पिरिट्स पिलग्रिमेज’ को गिफ्ट में दी. यह बापू की उन 2 किताबों में से एक है जो कभी पब्लिश नहीं हुईं।
बोरिस जॉनसन भारत दौरे पर क्यों आए हैं: बोरिस जॉनसन गुजरात आए, चरखा चलाया, उनका स्वागत हुआ सब ठीक है, लेकिन इससे भी ज़्यादा ये मायने रखता है कि यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री भारत किस मकसद से आए हैं. उनका भारत दौरा देश के लिए क्यों जरूरी है.
भारत और ब्रिटेन दोनों देश फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर एक दूसरे के पक्ष में दिख रहे हैं, अपने गुजरात दौरे में जॉनसन जॉइंट ट्रेड के कई जरूरी इन्वेस्टमेंट प्रस्तावों की घोषणा करने के लिए आए हैं. ब्रिटेन, भारत के साथ अपने सालाना कारोबार को 2.89 लाख करोड़ तक पहुंचाना चाहता है.
बोरिस जॉनसन का गुजरात दौरा 3 मुख्य कारणों के चलते भारत के लिए महत्वपूर्ण है:
1. फ्री ट्रेड एग्रीमेन्ट में दोनों देशों का करार
2. डिफेंस पार्टनरशिप का विस्तार
3. ओपन इंडो-पेसिफिक पर चर्चा
शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी से ब्रिटिश पीएम की मुलाकात होगी: बोरिस जॉनसन गुरुवार की शाम सारे आओ-भगत वाले कार्यक्रम पूरे करके दिल्ली के लिए रवाना होंगे, रात में आराम करेंगे और अगले दिन 22 अप्रैल को उनकी भारत के प्रधानमंत्री से मुलाकत होगी, उनके भारत दौरे में ‘नए युग की ट्रेड डील’ काहे जाने वाली अर्ली हार्वेस्ट डील पर चर्चा की जाएगी, यह डील फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से अलग होगी।
अर्ली हार्वेस्ट डील से क्या होगा: अर्ली हार्वेस्ट डील में गुड्स एंड सर्विसेज और निवेश को नहीं बल्कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स, जिओग्रफ़िकल इंडिकेशन, और सतत विकास की डील शामिल है. जॉनसन भारत आए हैं तो इस डील में हस्ताक्षर करवा कर ही वापस लौटेंगे
ब्रिटेन के बिज़नेस के लिए भारत बहुत जरूरी देश है: ब्रिटेन के लिए भारत दुनिया का 15वां सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है. दोनों देशों के बीच साल 2020 में 18.3 अरब पाउंड का व्यापर हुआ था, भारत ने ब्रिटेन को 11.7 अरब पाउंड का सामान एक्सपोर्ट किया था जबकि ब्रिटेन ने भारत को 6.6 अरब पाउंड का सामान एक्सपोर्ट किया था.
भारत के लिए क्यों जरूरी है बोरिस जॉनसन का दौरा: भारत और बब्रिटेन के बीच पहले ही 5300 करोड़ रुपए के इन्वेस्टमेंट पर सहमति बन चुकी है. साल 2023 में G-20 की बैठक होनी है जिसमे भारत इस बैठक की अध्यक्षता करने वाला है. ब्रिटेन इस बैठक में अहम भूमिका के साथ पार्टनरशिप चाहता है.
यात्रा से पहले बोरिस जॉनसन ने ट्वीट करते हुए कहा था कि भारत आर्थिक महाशक्ति और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. वर्तमान में अस्थिर वैश्विक हालत में ब्रिटेन, भारत का अहम रानीतिक साझेदार रहा है. मेरी भारत की यात्रा से रोजगार के अवसर, सुरक्षा और आर्थिक विकास के रिश्तों में मजबूती आएगी।
भारत और ब्रिटेन एक दूसरे के लिए बड़े इन्वेस्टर हैं: ब्रिटेन भारत का चौथा सबसे बड़ा इन्वेस्टर है. देश में फॉरेन इन्वेस्टमेंट के मामले में ब्रिटेन का स्थान चौथे नंबर पर है, साल 2020 तक UK ने भारत में 2.26 लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट किया है वहीं भारत ब्रिटेन के लिए तीसरा सबसे बड़ा इन्वेस्टर है. भारतीय इन्वेस्टमेंट से ब्रिटेन में 1.16 लाख लोगों को रोजगार मिला है.
बोरिस जॉनसन के यात्रा भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है: ब्रिटैन यूरोपियन यूनियन से रिश्ते खत्म कर चुका है. अब भारत के साथ व्यापार बढ़ा कर महंगाई कम करने का रास्ता अपनाना चाहता है. ग्रीन टेक्नोलॉजी और हाई स्किल वाली जॉब्स पैदा करना दोनों देशों के लिए जरूरी है. ब्रिटेन में भारत के 55 हज़ार छात्र पढ़ते हैं, इस लिए भारत का ब्रिटेन के साथ नॉलेज शेयरिंग पार्टनरशिप इस यात्रा का मुख्य अजेंडा है
ब्रिटिश पीएम और पीएम मोदी की मीटिंग में प्रमुख अजेंडा क्या है:
साल 2030 तक दोनों देश अपने-अपने ट्रेड को दोगुना करेंगे
भारत ब्रिटेन में 53.3 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करेगा, जिससे ब्रिटेन में 6000 नई जॉब्स पैदा होंगी
दोनों देशों के बीच 20 करोड़ पाउंड की डील हुई है, जिसमे कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी
भारत के 3 हज़ार युवाओं को ब्रिटेन अपने यहां रोजगार देगी
दोनों देश एक जॉइंट साइबर सिक्योरिटी प्रोग्राम शरू करेंगे, जिससे साइबर क्रिमिनल्स और रैनसम वेयर के हमलों से निपटा जा सकेगा
दोनों देशों के बीच सामरिक टैक डायलॉग शुरू होगा
जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा के बाद ब्रिटेन ऐसा पांचवा देश है जो इन डील में भारत के साथ समझौता करने वाला है।